माॅं

by - May 09, 2021

ममता, त्याग, करूणा
इन भावों से पालनहार
ने बनाई एक मूरत सुहानी
रचती,अस्तित्व अपने अंदर
उसका नाम है माॅं
हर बच्चों की दौलत माॅं
बहती जिसके अंदर
स्नेह की नदियां अविरल
आंचल से झरे दुआएं हर पल
माॅं धूप है, माॅं छांव है
माॅं आदर्श है,संस्कार है
मेरी प्रथम गुरु, मेरी प्रथम मित्र
चुका ना पाऊं मैं कभी ऋण तुम्हारा
सीखा है मैंने तुमसे आत्मविश्वास
बना मेरे जीवन का आधार
माॅं तो माॅं है, माॅं का नहीं प्रर्याय

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