हस्ताक्षर
क्या है हमारी पहचान?
हस्ताक्षर है पहचान हमारी,
जो कर सके वो ज्ञानी,
न करे तो अनाड़ी।
दो देश करे तो
मिट जाए दुश्मनी पुरानी।
दो देश करे तो
मिट जाए दुश्मनी पुरानी।
नेता करे तो बने बिल,
अभिनेता करे तो जीते
लोगों का दिल।
लोगों का दिल।
जज करे तो मिले माफ़ी
चित्रकार करे तो कैलिग्राफी।
इतना नहीं काफी...
शिक्षक करे काले कलम से
तो चल पड़ी अपनी गाड़ी,
लाल कलम से करे तो
डूब गयी नैया हमारी।
लेखक करे तो बने अपनी कहानी
आवश्यकता है विश्व में उस
अमूल्य हस्ताक्षर की
ब्रह्मांड से ग्लोबल-वार्मिंग हटाने की
सूखी बंजर ज़मी पर
फिर से हरयाली लाने की।
लेखक करे तो बने अपनी कहानी
चिकित्सक करे तो सिधारे
या सदन वापस चले।
ईश्वर करे तो बने
तक़दीर हमारी।आवश्यकता है विश्व में उस
अमूल्य हस्ताक्षर की
ब्रह्मांड से ग्लोबल-वार्मिंग हटाने की
सूखी बंजर ज़मी पर
फिर से हरयाली लाने की।
6 comments
Excellent. Churning out so many poems, short stories every week is not very easy. Keep doing it. I enjoy.
ReplyDeleteThanks for your wonderful encouraging words.
Deleteक्या बात है...वाकई में यदि हस्ताक्षर बदल जाती है तो हमारी भी पहचान बदल जाती है..इसकी कीमत का तो अंदाजा हमें बैंक या अन्य वितीय संस्थानों में ही पता चल जाता है.बहुत खूब
ReplyDeleteमुझे खुशी हुई जानकर आपको मेरी कविता पसंद आई।
Deleteधन्यवाद!
A very nice Observation about signature and it's meaning at various stages of our life.Its indeed is very significant part of our lives.Keep writing!
ReplyDeleteI'm elated that you like my work!!Thank you so much!!
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