फाल्गुन पूर्णिमा की
धवल यामिनी का सन्देश,
असत्य पर सत्य की विजय
लेकर,देखो आया होली का त्योहार।
प्रकृति कर रही श्रृंगार,
ऋतुराज वसंत पर यौवन है आया।
वसुंधरा पर पीली सरसों का गुलाल छाया।
नील गगन में पलाश सुमन से
केसरिया रंग लहराया।
सुवासित हुआ उपवन, इंद्रधनुषी रंगो में,
मंडराता भ्र्मर, करता पान मकरन्द मुग्ध होकर।
शीत काल ले रही विदाई,
कोयल ने सुरीली कूक लगाई।
आम्र वृक्ष पर करने लगी, मंजरी अठखेलियाँ।
बरसाना,नन्दगॉव में लठमार होली,
खेलने निकल पड़ी गोरी संग, रंगीलों की टोली।
वृन्दावन चलें हम खेलेने,
बांके-बिहारी संग फूलों की होली।
हर्ष-तरंग चहुं ओर छाया
होली का पर्व आया।
होलिका की अग्नि में बुराईयों को जलाकर,
मानव निखरेगा कुन्दन बनकर।
गुलाल की चादर,
तन-मन को छू जाएगी,
गीले-शिकवे भूल
खेलेंगे सब सौहार्द्र की होली।
2
वीरों की होली
मेरा वीर जवानों को अभिनन्दन है,प्रणाम है
वो कर रहे सरहद की चौकसी,
ताकि खेल सकें हम रंगों की होली।
त्याग विश्राम,अनन्त पथ पर निकल पड़े,
करने मातृभूमि की रक्षा
अपनी माँ के लाल।
घूंघट में लिपटी, नयनों में अनुराग,
प्रांगण में बैठी जीवन संगी
कब आएगा अंधड़ से सकुशल निकल,
शूर वीर जवान।
घर पर अम्मा -बापू के स्नेह संग
जग में गौरव गान,
होली-दीपावली मनेगी, तब साथ -साथ।
3
बच्चों की होली
होली आयी, होली आयी!
कह कर निकल पड़ी मस्ती भरी
शोर मचाती बच्चों की टोली।
होली आयी, होली आयी!
निकल पड़ी बच्चों की टोली।
पोथी-बस्ता रखा किनारे
चली रंग भरी पिचकारी बोलो
सारा.. रा.. रा..।
लाल, नीले, हरे, पीले गुलाल से मुख लिपटते।
इंद्र धनुष नभ छोड़, जैसे धरती पर पसरे।
होली आयी, होली आयी !
निकल पड़ी बच्चों की टोली।
कितनी भी एड़ी-चोटी का जोर लगा लो
बचना है इनकी टोली से मुश्किल।
गली संकरी या हो चौड़ी
गलती से बच निकले, तो खुश ना होना,
बचो! रंग भरा गुब्बारा सर पे फूटा।
होली आयी, होली आयी !
निकल पड़ी बच्चों की टोली।
गुझिया, पकवान,मिठाईयों का आनंद लेती,
बड़ी प्यारी लगती बच्चों की टोली
होली आयी, होली आयी !
निकल पड़ी बच्चों की टोली।
12 comments
Omg brilliant picture and amazing post!! So proud of you mummmm❤️❤️❤️❤️
ReplyDeleteHappy Holi!
ReplyDeleteइतनी अच्छी कवितताएँ और आपकी पेन की स्याही की पिचकारी से सभी के लिए बरस रहें हैं प्यार...
ReplyDeleteइतनी अच्छी कवितताएँ और आपकी पेन की स्याही की पिचकारी से सभी के लिए बरस रहें हैं प्यार...
ReplyDeleteआपके मृदु शब्दों के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!!
DeleteLove your poems mausi
ReplyDeleteLove you.😘❤ Harsha!!
DeleteHappy holidays!
इतनी अच्छी कवितताएँ और आपकी पेन की स्याही की पिचकारी से सभी के लिए बरस रहें हैं प्यार...होली की शुभकामनाएं
ReplyDeleteHoli ki yeh Kavita zaroor sab ko padhni chahiy. Kya bat
ReplyDeleteThanks for reading!!
Deleteहोली की तस्वीर को कलम की स्याही से क्या खूब निखारा है। आपकी रचना मे होली का उत्साह निखर कर आया है। बडी अच्छी कविता लिखी है।
ReplyDeleteThanks Samir for your wonderful feedback. I am glad you commented!
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