नूतन वर्ष आया
नया वर्ष, नई शुरुआत
अब ईश्वर से प्रार्थना यही
खुशियों का बसंत रहे
सुख समृद्धि अनंत रहे।
परिभाषा नए की
पुराने के बिना अधूरी है
खुद चुनाव और विचार करना है
बीते साल से जो सीखा हमने
आगे के पथ के लिए जरूरी है।
यादों का कारवां साथ है
पतझड़, बसंत
धूल, बारिश
महकी सी एक धुंध है
आगे पथ प्रशस्त है।
कामना यही इस वर्ष
सब रहें स्वस्थ्य
रिश्तो को जियें खुलकर
ईर्ष्या रहित, हिंसा रहित
उगते सूरज की भी आस यही।
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