यह प्रेम पर्व रंगों का अनूठा...

by - March 19, 2022




                                         

रंगोत्सव आयो रे
यह प्रेम पर्व रंगों 
का अनूठा...
दहन करे अहंकार 
और दुराचार 
रंगो से बांटे सदाचार

छाया रंगों का मेला अलबेला
चारों ओर हंसी ठिठोली
मन उल्लासित
जीवन के हर रंग लिए
सबके हिस्से में खुशियां बांटे

रिश्तो में मिठास बढ़े
सरहदों की दूरियां मिटे
रंग में ऐसा नशा कुछ ऐसा 
वसुधैव कुटुंबकम 
की भावना जागृत हो

स्नेह का लाल
इतना गहरा रंग 
बैर-भाव सब मिट जाए
जात-पात सब मिट जाए
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
सबने मिल होली खूब मनाई

यह प्रेम पर्व रंगों 
का अनूठा...



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