रंग गयी फ़िज़ा

by - February 19, 2020


(Miracle Garden Dubai)

बदला परिदृश्य 
ऋतुराज वसंतके आगमन पर
 मुक्ताकाश नीलाम हुआ
 प्रकृति ने किया श्रृंगार
  मनमोहक,सजीली 
जैसे नवेली दुल्हन। 

 प्रस्थान हुई सिहरती ठण्ड 
की व्याकुलता
 प्राकृत विश्रांति
प्रफुल्लित, मंजुल
 नंदनवन सी महक रही धरा
 पाकर बसंत का वरदान

 घुल गई शीतल बयार में
 कोकील की नई गान
 आम्र मंजरी की
 भीनी खुशबू
 डाल डाल पर कोमल पात
 के चंचल पदचाप ... 

 हर प्राणी,हर  प्राण में स्पंदन
 रोम-रोम हुआ पुलकित
 क्या खूब शुभ समारंभ
समन्वित है मन-प्राण
अनु अनु में सृजन 
झरने सा निष्शतल, शुद्ध
ऋतुराज का वरदान 



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