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आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !!
इस दिपावली
अमावस की स्याह रात
जले दीप अपनेपन का...
आत्मकोष में
भरे धन प्यार का...
प्यासा न हो मनुज
एक -दूसरे के लहू का...
स्नेह के ज्योत से
कट जाए तिमिर-पाश
नफ़रत, अलगाव का।
प्रकाशित हो प्रांगण
का हर अँधेरा कोना
कतारबद्ध जले दीप घर -घर।
चहुँ दिशा हो
उज्जवल-उज्जवल।
सब मिलकर
धरती से नभ तक
लगा दे किरणों की लड़ी
प्रेम, सम्पनता की
आकाश गंगा उतर आये धरा पर...
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