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हिंदी दिवस
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है ये तो सभी जानते हैं। पर इसके पीछे एक कहानी है।
क्या आपको पता है?
पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया।
हिंदी को अपना नाम एक परसियन शब्द "हिन्दू" से मिला है जिसका अर्थ है पवित्र नदी की भूमि। मान्यता तो यह भी है कि सिंधु नदी के पास जो सभ्यता फैली ,उसे सिंधु सभ्यता कहा गया और उस क्षेत्र के लोगों को हिंदू। तथा इनके द्वारा बोली गई भाषा हिंदी कहलायी।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है ये तो सभी जानते हैं। पर इसके पीछे एक कहानी है।
क्या आपको पता है?
हिंदी को भारतवर्ष की राष्ट्र भाषा बनाने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का हाथ रहा है। सन 1918, में हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को जनमानस की भाषा बनाने की पहल उन्होंने की थी। तथा इसे राष्ट्रभाषा बनाने की मांग की थी।
आजादी मिलने के बाद लंबे विचार-विमर्श के बाद, 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में हिन्दी को राज भाषा बनाने का फैसला लिया गया। भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की धारा 343 (1) में हिन्दी को राजभाषा बनाए जाने के संदर्भ में कुछ इस तरह लिखा गया है,
"संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा।"
देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा इस दिवस को हर साल "हिंदी दिवस" के रूप में मनाया जायेगा। तब से प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।
पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया।
परंतु जब हिंदी को राजभाषा के रूप में चुना गया तो गैर हिंदी भाषी राज्यों में दक्षिण भारत के लोगों ने इसका विरोध किया। कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुआ तमिलनाडु में जनवरी 1965 में भाषा विवाद को लेकर दंगे हुए थे।
वहाँ के लोग इस बात से खुश नहीं थे और इसका विरोध किये। जिसके चलते बाद में अंग्रेजी को भी राजभाषा का दर्जा दे दिया गया।
हिंदी की महत्ता को देखते हुए 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस भी घोषित किया गया।
हिन्दी दिवस कैसे मनाया जाता है?
हिन्दी दिवस के मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है। स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों में निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगता, कविता पाठ, नाटक, और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है।
इसे हिन्दी का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि इतनी समृद्ध भाषा कोष होने के बावजूद आज हिन्दी लिखते और बोलते वक्त ज्यादातर अंग्रेजी भाषा के शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है।
हिन्दी दिवस मनाने के पीछे मंशा यही है कि लोगों को एहसास दिलाया जा सके कि जब तक वे इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे तब तक इस भाषा का विकास नहीं होगा।
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