शब्द और वार्तालाप
“ Words empty as the wind are best left unsaid “ Homer .
शब्द वार्तालाप की धूरी और दिलों को जोड़ने वाली भावनाओं और कल्पनाओं से ओतप्रोत अनमोल कड़ी है
छंद और लय में अलंकृत काव्यात्मक साहित्य
का अति सुंदर, मनमोहक सृजन करती है
चंदन की तरह शीतलता प्रधान करने वाले शब्द
बारिश की तरह निर्मल शब्द
शब्द अर्थहीन नहीं, वे मरहम होते हैं
दिलों को जोड़ने वाले संबंधों को पिरोने वाले
परंतु हानि पहुंचानेवाले शब्दों के सार नहीं होते
क्रोध बनकर फूट पड़ते हैं, हृदय विदारक प्रतीत होते हैं
हवा की तरह खाली और खोखले हो जाते हैं
तो मौन रहना ही बेहतर है क्योंकि मौन स्वर्णिम है
२४/०५/२०२४
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