अर्ज़ किया है

by - May 08, 2024







उनसे नज़रें मिलाना एक हसीन हादिसा था 
कि जिंदगी को सहारा उनकी बाहों में मिला

❤️

वहम में जी रहा था, खुशी के जाम पी रहा था 
आबाद नहीं बर्बाद हो रहा था
एतबार को मिली बेवफाई  
अज़ाब तुम क्या जानो बहुत दूर जा चुके हो

❤️

अज़ाब कोई इतना गहरा नहीं, कि वक्त मिटा ना सके 

❤️

मेरे दहलीज पर तेरे पांव
तेरी आंखों में गुनाह का इक़रार
दिल के जख्म को मरहम की क्या दरकार‌




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