ब्रह्मांड है कविता...
...it (poetry) says more, and in fewer words, than prose. -Voltaire
सरल ,सहज, सुंदर, संक्षिप्त पंक्तियों में लयबद्ध काव्यात्मक कृति है कविता,
गद्य की दहलीजों को लांघकर
रचनात्मकता,भावनात्मकता से ओत-प्रोत
लता सी नाज़ुक पर संबलता उसकी पहचान है
फागुन की मृदुल हवा सी दिल को छु जाती है
आत्मा को आत्मा से जोड़ती है कविता
कल्पनाओं की दुनिया में उड़ान भरती
पंक्ति दर पंक्ति स्वयं ही अपनी गहराई का विस्तार करती
मन में जब भाव भरेंगे चंद शब्दों में आकार लेगी कविता, तृप्त कर जाएगी सब कुछ नदी की धारा बनकर
खुद में एक ब्रह्मांड है कविता
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