कहां हो राम?

by - November 06, 2022



                                  


कहां हो
आ जाओ राम
 कर रही हूं 
प्रतीक्षा तेरी 
द्वार पर सजा कर रंगोली 
आस्था का 
मन में दीप जला
 कहां हो ?
आ जाओ राम!

देखो ना 
बंदनवार के पात- पात झड़ रहे 
अखियां पथरा गई
समय काल बन
पीछे पड़ा है
इस बार धरती में
ना सामाऊंगी
शरण में अपनी
ले लो प्रभु
कहां हो राम?

27/11/2020



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