World Poetry Day

by - March 21, 2022




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कविता 

ज्ञान और अज्ञान से परे
न थी जब घनिष्ठता अक्षरों से 
न शब्दों, न मात्राओं का ज्ञान था
न बंदिश, देश और सीमाओं की थी
मांं के आंचल में प्रेम से मुलकित होती कविता

मन के निर्मल,पवित्र भावों से मुखरित होती है कविता
दिलों के भावनाओं को तरंगित करती 
जाती-धर्म की बेड़ियों से परे कविता
मानवजाति में मोगरा के फूलों सी खुशबू बिखेरती
अलग-अलग भाषाओं में दिलों को आह्लादित करती 

मां की लोरी सी निर्मल,मातृभाषा सी अपनी लगती
दिल को छू जाती है कविता
मन में उद्वेलित हो रहे भावों का शाब्दिक अर्पण है कविता
खुद से रूबरू कराती यह कविता
जीवन से मृत्यु तक का एक राग है कविता
ह्रदय के भावों जोड़ने वाली शब्दों की लड़ी है कविता

©️अंजना प्रसाद
२१/०३/२०२२
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Poem

Beads of words
roused from heart
threaded by poets 
in a poem.

Poem is the soul of a poet 
bleeds in ink on sheaves
sometimes with love
sometimes with compassion.

Poem 
a mirror of society
connects all 
with love and truthfulness.
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