देवभाषा हिंदी 2021
देवभाषा से अवतरित हिंदी
नमन करती हूं मैं इसे शत-शत
यह अपनी राष्ट्रभाषा है
अलंकृत स्वर और व्यंजनों
उपमा और अलंकारों से सुशोभित
कृष्ण के बांसुरी सी मधुर मनमोहक
हिंदी है मेरे देश का गौरव
भाषाओं की जननी
अवधि,बृज भाषा और अनेक बोलियां
अपने आंचल में सभ्यता और इतिहास समेटे
दोहे छंद चौपाइयों से खनकती
साहित्य का आधार यही है
संस्कृति की साक्षी यही है
हिंदी से हिंदुस्तानी
रिश्ता है मेरा इससे मां सा
भाषा का ज्ञान इसमें ही मुझे कराया
तोतली बोली में मेरा साथ निभाया
जीवन के हर मोड़ पर, हर डगर पर
हिंदी है मेरी,मैं इसकी
हिंदी से हिंदुस्तान है
हिंदुस्तान से हिंदी
अलग-अलग भाषाओं से मुझे बैर नहीं
हर प्रांत की भाषा अलग है
परंतु देशवासियों मेरी ये पुकार सुनो
इसे अपने देश, अपने ही घर में
अतिथि ना बनाओ
मेज़बान ही रहने दो
हिंदी को हिइंग्लिश ना बनाओ
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