बेटियां
वक्त बदल गया है आज दे हम बेटियों को
पंख उड़ान भरने कीदे उन्हें बराबरी का हक
उन्हें, उन्हीं की शर्तों पर आसमां छूने की इजाजत दे
कोमलता में उनके बल है
चेहरे पर दिखे दृढ़ विश्वास
दुनिया की नाराजगी से परे
कहती हैं हवाएं भी यही आत्मविश्वास छुपा है
अपनी मेहनत और लगन से कर रही अपने सपनों को साकार
सभी रीति-रिवाजों से ऊपर
बादलों की नाव पर कतरा कतरा ही सही
उसके हौसलों को उड़ान मिले बलखाती लहराए
वो हंसती रहे बहार सी खिले
©️ अंजना प्रसाद
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