रंग प्रेम का

by - March 29, 2021


आया फाल्गुन,लेकर होली का त्यौहार खेलूं मै किस रंग से होली, बदला है दस्तूर दुनिया का मचला दिल खेलूं कान्हा संग होली ले ली गुलाल हर रंग की करूं तिलक चरणों पर डालूं फूलों से खेलूं होली कान्हा डारो तुम मुझ पर करो रगों की बौछार राधे राधे की गुहार लगाऊं बातें न बनाओ छूटा रंग बचपन का पर ना छूटे रंग मस्ती के ना छूटे रंग हंसी के तुमने ही सिखाया मन मुटाव पर जीत है होली बुराइयों की दहन है होली वैमनस्यता पर जीत है होली दिल न तोड़ो ,न रूलाओ,हठ छोड़ो उड़ा दो सारे गिले-शिकवे सतरंगी रंगों से नभ में देखो आई होली मैं बजाऊं मृदंग ,बांसुरी तुम बजाओ मेरे नेह को स्वीकार करो प्रभु,आओ खेलन होली

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