आया रंगीला फागुन
लेकर त्योहार होली का
सतरंगी
रंगीली
सौहार्द्र की सौगात लेकर
जैसे कान्हा के प्रेम में
रंगी गोपियाँ
मदमस्त
शोख हवाएं गा रही गजल
ज़ाफरानी गुलमोहर पलाश
बिखेर रही
अलबेली छटा
चटक गुलाल
लाल, पीला, हरे, नीले
रंग रहे मन
नफ़रत के
निकल पड़ी जब
घर के बहार
मृदंग-ढोल पर खेलने
बृन्दावन जैसी होली
प्रेम की...
आप सभी को रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें!!!
लेकर त्योहार होली का
सतरंगी
रंगीली
सौहार्द्र की सौगात लेकर
जैसे कान्हा के प्रेम में
रंगी गोपियाँ
मदमस्त
शोख हवाएं गा रही गजल
ज़ाफरानी गुलमोहर पलाश
बिखेर रही
अलबेली छटा
चटक गुलाल
लाल, पीला, हरे, नीले
रंग रहे मन
नफ़रत के
निकल पड़ी जब
घर के बहार
मृदंग-ढोल पर खेलने
बृन्दावन जैसी होली
प्रेम की...
आप सभी को रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें!!!
2 comments
Happy Holi!����
ReplyDeleteअभिषेक जी आपको भी होली की ढेरों शुभकामनाएं!
Delete